जंगल राज: भारतीय सेना पर, शिवालिक जंगलों में फ़ायरिंग रेंज के गैर कानूनी इस्तेमाल के दौरान वन गुज्जरों की हत्या का आरोप

फोटो: मीर फैसल

उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में अधिकांश वन गुज्जरों की तरह 70 वर्षीय नूर मुहम्मद ने अपनी पूरी ज़िन्दगी जंगलों में गुज़ार दी. वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ एक डेरा (मिट्टी और पेड़ की शाखाओं से बनी झोपड़ियों का एक समूह.) में रहते थे. आमतौर से एक झोपड़ी में एक वन गुज्जर परिवार रहता है. यह डेरा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से 60 किमी दूर शिवालिक जंगल के चपड़ी क्षेत्र में आता है. 20 फीट से भी कम दूरी पर उनका पुत्र अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहता था. आस-पास के इलाके में, कुछ और झोपड़ियां नूर के भाइयों और उनके बच्चों की थी. 14 मार्च 2018 को उन्होंने अपनी बेटी का निकाह इसी डेरा में किया. लेकिन अगले ही दिन इस जंगल में 6 दशक बिताने के बाद नूर और उनके परिवार को यहाँ से जाना पड़ा. उन्होंने याद करते हुए बताया कि उस सुबह, शिवालिक…


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